Thursday, September 6, 2018

यूरोप की न्यूज एजेंसियों ने गूगल-फेसबुक को फटकारा, कहा- हमारे कंटेंट से आप कर रहे कमाई

रिस. यूरोप की 20 न्यूज एजेंसियों ने मंगलवार को गूगल और फेसबुक को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि आप हमारा कंटेंट मुफ्त में इस्तेमाल करके जमकर कमाई कर रहे हो। एजेंसियों ने दोनों कंपनियों से अपनी कमाई में मीडिया को हिस्सा देने की मांग भी की।
फ्रांस की एजेंसी फ्रांस प्रेस, ब्रिटेन की प्रेस असोसिएशन और जर्मनी की डॉयचे प्रेसेंग्चर समेत 20 न्यूज एजेंसियों के सीईओ ने एक प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने गूगल-फेसबुक के मामले को अजीब असंतुलन बताते हुए यूरोपियन संसद से नया कॉपीराइट कानून बनाने की मांग की। 

कॉपीराइट कानून पर होगी बहस: न्यूज एजेंसियों की मांग पर यूरोपियन सांसद नए कॉपीराइट कानून के लिए इसी महीने बहस करेंगे। इसमें न्यूज एजेंसियों का कंटेंट (खबरें, गाने और मूवी आदि) इस्तेमाल करने पर फेसबुक-गूगल जैसी कंपनियों को ज्यादा भुगतान करने के लिए बाध्य किया जाएगा। हालांकि, इस कानून का पहला ड्राफ्ट अमेरिकी टेक्नॉलजी कंपनी की दलील के बाद जुलाई में खारिज कर दिया गया था। कंपनी के वकीलों ने इंटरनेट की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए कहा था कि इस नियम के लागू होने से ग्राहकों को भी ज्यादा चार्ज देना पड़ेगा।

इतनी कमाई कर रहे गूगल-फेसबुक: खबरें, फोटो और वीडियो मुहैया कराने वाली न्यूज एजेंसियों ने संयुक्त बयान में बताया कि फेसबुक ने 2017 में 40 बिलियन डॉलर (2863 करोड़ रुपए) की कमाई की, जिसमें कंपनी को 16 बिलियन डॉलर (1145 करोड़ रुपए) का मुनाफा हुआ। वहीं, गूगल का शुद्ध लाभ 12.7 बिलियन डॉलर (9085 करोड़) रहा, जबकि कंपनी ने 110 बिलियन डॉलर (78 हजार करोड़) कमाए। न्यूज एजेंसियों का कहना है कि अगर ये दोनों कंपनियां इतना मुनाफा कमा रही हैं तो हमें उसमें हिस्सा क्यों नहीं मिलना चाहिए? दिल्ली. भारत ने अमेरिका के दबाव को दरकिनार करते हुए रिफाइनर्स को ईरान से तेल आयात करने की इजाजत दे दी। साथ ही, अमेरिकी प्रतिबंध को देखते हुए शिपिंग कॉर्प ऑफ इंडिया (एससीआई) समेत अन्य बड़े तेल आयातकों को नुकसान की भरपाई करने का वादा भी किया है। सूत्रों के मुताबिक, चीन की तरह भारत भी ईरान से तेल आवक बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।
भारत और चीन के इस कदम से साफ हो गया है कि नवंबर तक यह इस्लामिक राष्ट्र वैश्विक तेल मार्केट से अलग नहीं रहेगा। इसके बाद ईरान के पेट्रोलियम सेक्टर पर अमेरिका का प्रतिबंध लागू हो जाएगा। 2015 की परमाणु डील रद्द होने के बाद अमेरिका ने जुलाई 2018 में ईरान पर व्यापारिक प्रतिबंध लगा दिए, जो नवंबर से लागू होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का कहना है कि इसके बाद दुनिया का कोई भी देश ईरान से तेल नहीं खरीदेगा।
सरकार के वादे से दूर होगी कंपनियाें की चिंता : एससीआई का कहना था कि हम पश्चिमी देशों के शिपर्स जैसी ही स्थिति में हैं। हमारे पास बचाव का कोई रास्ता नहीं है, इसलिए हम तेल के लिए ईरान का रुख नहीं कर सकते हैं। ऐसे में भारत ने नेशनल ईरानियन ट्रैंकर कंपनी (एनआईटीसी) का रुख किया और नुकसान की भरपाई करने का वादा करते हुए ईरान से तेल आयात सेवा दोबारा शुरू करने के लिए कहा।

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