भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के रविवार को ओवल के मैदान पर हुए मैच में कप्तान विराट कोहली की एक ख़ास वजह से सराहना हो रही है.
न यह उनके 82 रनों की पारी की वजह से है, न ही उनके कप्तानी के कौशल की वजह से.बल्कि सोशल मीडिया पर उन्हें उनकी खेल भावना के लिए सराहा जा रहा है.
दरअसल, भारतीय पारी के दौरान कुछ भारतीय दर्शक सीमा पर फील्डिंग कर रहे ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी स्टीव स्मिथ को चिढ़ाने लगे.
उस वक़्त विराट कोहली क्रीज़ पर थे और जब उन्होंने यह देखा तो उन्होंने वहीं से इशारा करके कहा कि वे स्टीव स्मिथ का ताली बजाकर सम्मान करें.
इसके बाद स्क्रीन पर यह भी दिखा कि जब कोहली और स्मिथ आमने-सामने आए तो स्मिथ ने मुस्कुराकर और पीठ ठोंककर उनकी खेल भावना के लिए उन्हें शुक्रिया कहा.
हालांकि मैच के बाद विराट कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस पर कहा कि, "यहां बहुत सारे भारतीय समर्थक थे और मैं उन्हें ख़राब उदाहरण नहीं पेश करने देना चाहता था. मेरे विचार में उन्होंने (स्मिथ ने) ऐसा कुछ नहीं किया कि उनकी हूटिंग हो. वो तो केवल क्रिकेट खेल रहे थे. वो वहां खड़े थे और यदि वैसी चीज़ें मेरे साथ होती, मैं माफ़ी मांग चुका होता और फिर वापसी करता, इसके बावजूद मुझे ऐसी परिस्थिति का सामना करना पड़ता तो मुझे भी अच्छा नहीं लगता. इसलिए मैंने दर्शकों के व्यवहार के लिए स्मिथ से माफ़ी मांगी. उनके साथ पहले भी कुछ मैचों में ऐसा हो चुका है और मुझे लगता है यह सही नहीं है."
याद रहे कि पिछले साल दक्षिण अफ्रीका के ख़िलाफ़ एक टेस्ट मैच में उस वक़्त ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ और बल्लेबाज़ कैमरन बैनक्रॉफ्ट ने मिलकर गेंद से छेड़छाड़ करने की बात स्वीकार की थी. इस मामले में डेविड वॉर्नर भी संलिप्त पाए गए थे.
इसके बाद स्टीव स्मिथ से कप्तानी छिन गई थी और उन पर और वॉर्नर पर एक साल का प्रतिबंध लगा था.
स्टीव स्मिथ ने कुछ ही समय पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम में वापसी की है.
ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट पत्रकार सैम लैंड्सबर्गर ने ये वाकया साझा करते हुए लिखा, "वाह. विराट कोहली की कितनी शानदार बात है. स्टीव स्मिथ को सीमा के पास फील्डिंग के लिए भेजा गया और तुरंत ही भारतीय दर्शक उन्हें चिढ़ाने लगे. तो कोहली उनकी ओर मुड़े और उन्हें स्मिथ के लिए ताली बजाने का इशारा किया."
आनंद वासु ने लिखा, "शानदार कोहली. उन्होंने स्मिथ को चीटर कहकर चिढ़ा रहे प्रशंसकों को शांत कराया और अच्छे क्रिकेट की सराहना करने को कहा. "
ऑस्ट्रेलियाई पारी का दूसरा ओवर. गेंद भारतीय तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह के हाथ में.
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ डेविड वॉर्नर के बल्ले से लगकर गेंद स्टंप्स को छू गई और बुमराह खुशी में उछल ही पड़े थे कि यह क्या! कम्बख़्त गिल्लियां फिर से नहीं गिरीं.
नहीं गिरीं जी फिर से नहीं गिरीं.
विश्व कप 2019 में अब विकेटों की गिल्लियां ही चर्चा के केंद्र में आ गई हैं. गिल्लियां गिरे बिना बल्लेबाज़ को आउट नहीं माना जा सकता, भले ही गेंद चाहे विकेटों से कुश्ती लड़कर आई हो. इस विश्व कप में पांच बार ऐसा हो चुका है जब गेंद विकेटों पर छुई या लगी लेकिन गिल्लियां नहीं गिरीं.
इसकी वजह है इस विश्वकप में ख़ास तौर पर इस्तेमाल की जा रही ज़िंग गिल्लियां जिसके भीतर फ्लैशिंग लाइट्स हैं. कहा जा रहा है कि इस वजह से इनका वज़न अधिक है.
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान आरोन फिंच ने इस बारे में कहा था, "मुझे लगता है कि नए लाइट वाले स्टम्प्स के साथ गिल्लियां कुछ भारी हो गई हैं. इसलिए उन्हें गिराने में कुछ ज़्यादा ही ताक़त की ज़रूरत पड़ती है."
कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि स्टम्प्स के शीर्ष पर जिन गड्ढों में गिल्लियां फंसी रहती हैं, वे गड्ढे इस बार कुछ अधिक गहरे बना दिए गए हैं. इसलिए गेंद की तेज़ चोट के बाद भी वो उनमें फंसी रह जाती हैं.
हालांकि आईसीसी इन गिल्लियों को समस्या नहीं मान रहा. उसका कहना है कि इनका वज़न सामान्य गिल्लियों और तेज़ हवा वाले दिनों के लिए रखी जाने वाली वज़नदार गिल्लियों के बीच का है.
लेकिन चूंकि इस विश्वकप के 14 मुक़ाबलों में पांच बार गिल्लियां गिरने से इनकार कर चुकी हैं, इसलिए सवाल उठ रहे हैं.
आइए नज़र डालते हैं इस विश्वकप में कब-कब नहीं गिरीं गिल्लियां:
1. इंग्लैंड बनाम दक्षिण अफ़्रीका- दक्षिण अफ्रीकी पारी का 11वां ओवर
लेग स्पिनर आदिल रशीद ने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज़ क्विंटन डिकॉक को गेंद फेंकी.
क्या हुआ कुछ समझ नहीं आया. लेग स्टंप के पीछे गिरी गेंद को डिकॉक ने रिवर्स स्वीप करने की कोशिश की लेकिन गेंद बल्ले से लगकर ऑफ़ स्टम्प से लगी और फिर पीछे चली गई.
इंग्लैंड को लगा कि उन्होंने डिकॉक को बोल्ड मार दिया है. लेकिन गिल्लियां नहीं गिरी थीं. इसलिए डिकॉक को मिला चौका.
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